अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन और भारत
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन और भारत वैश्विक स्तर पर शिपिंग को विनियमित करने के उद्देश्य से गठित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) में भारत की नाममात्र की उपस्थिति और हस्तक्षेप भारत के समुद्री हितों को प्रभावित कर रहा है। यह स्थिति IMO द्वारा जहाज़ों के ईंधन के संबंध में लिये गए हालिया निर्णय से भी सुस्पष्ट हो जाती है। IMO द्वारा घोषित नए नियमों के अनुसार, सभी व्यापारिक जहाज़ 1 जनवरी, 2020 से 0.5 प्रतिशत से अधिक सल्फर सामग्री वाले ईंधन का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। ज्ञात हो कि इससे पूर्व सल्फर सामग्री की यह सीमा 3.5 प्रतिशत तक थी। IMO के इस निर्णय का भारत जैसे विकासशील देशों पर काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। संगठन के इस निर्णय से ज़ाहिर तौर पर तेल की कीमतों में वृद्धि होगी और इसका प्रत्यक्ष प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसे देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन में अपनी भूमिका को और बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भारत अपने हितों को ध्यान में रखकर संगठन के निर्णय को प्रभावित कर सके। इस संदर्भ में अंतर्राष्...