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Showing posts from February, 2020

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन और भारत

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन और भारत              वैश्विक स्तर पर शिपिंग को विनियमित करने के उद्देश्य से गठित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) में भारत की नाममात्र की उपस्थिति और हस्तक्षेप भारत के समुद्री हितों को प्रभावित कर रहा है। यह स्थिति IMO द्वारा जहाज़ों के ईंधन के संबंध में लिये गए हालिया निर्णय से भी सुस्पष्ट हो जाती है। IMO द्वारा घोषित नए नियमों के अनुसार, सभी व्यापारिक जहाज़ 1 जनवरी, 2020 से 0.5 प्रतिशत से अधिक सल्फर सामग्री वाले ईंधन का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। ज्ञात हो कि इससे पूर्व सल्फर सामग्री की यह सीमा 3.5 प्रतिशत तक थी। IMO के इस निर्णय का भारत जैसे विकासशील देशों पर काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। संगठन के इस निर्णय से ज़ाहिर तौर पर तेल की कीमतों में वृद्धि होगी और इसका प्रत्यक्ष प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसे देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन में अपनी भूमिका को और बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भारत अपने हितों को ध्यान में रखकर संगठन के निर्णय को प्रभावित कर सके। इस संदर्भ में अंतर्राष्...

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO)

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में जिनेवा सम्मेलन के दौरान एक समझौते के माध्यम से की गई थी। IMO की पहली बैठक इसकी स्थापना के लगभग 10 वर्षों पश्चात् वर्ष 1959 में हुई थी। वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के कुल 174 सदस्य तथा 3 एसोसिएट सदस्य हैं और इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। संगठन में एक सामान्य सभा, एक परिषद और पाँच मुख्य समितियाँ हैं। इसके अतिरिक्त प्रमुख समितियों के कार्य में सहयोग के लिये संगठन में कई उप-समितियाँ भी हैं। सामान्य सभा       सामान्य सभा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन का सर्वोच्च शासनिक निकाय है। इसमें सभी सदस्य राष्ट्र शामिल होते हैं और प्रत्येक 2 वर्ष में एक बार सत्र का आयोजन किया जाता है, किंतु यदि आवश्यकता हो तो एक असाधारण सत्र भी आयोजित किया जा सकता है। सामान्य सभा मुख्य रूप से संगठन के कार्यक्रम को मंज़ूरी देने, बजट पर मतदान करने और संगठन की वित्तीय व्यवस्था का निर्धारण करने के लिये उत्तरदायी होती है। सामान्य सभा संगठन ...
Audi A8 2019 Audi has  confirmed  that it will launch the fourth-gen A8 in India this year. Like its predecessor, the new A8 will only be available in its long wheelbase (LWB) configuration. The new A8, which made its debut in July 2017, is based on the new MLB Evo platform that uses aluminium, steel, magnesium and carbon-fibre in its construction. This makes the new sedan much lighter than its predecessor. Since it is a generation update, the new A8 gets a thoroughly updated exterior. The interior gets a similar treatment as well. It gets three screens inside the cabin - a 10.1-inch touchscreen on the dashboard, a second 8.6-inch touchscreen display on the centre console through which the air conditioning and comfort functions can be controlled, and an all-digital instrument cluster. Under the bonnet, the India-spec Audi A8L is likely to be offered with a choice of 3.0-litre turbocharged V6 engines. The 3.0-litre TDI diesel engine produces 286PS of power, while ...