अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO)
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO)
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में जिनेवा सम्मेलन के दौरान एक समझौते के माध्यम से की गई थी। IMO की पहली बैठक इसकी स्थापना के लगभग 10 वर्षों पश्चात् वर्ष 1959 में हुई थी।
- वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के कुल 174 सदस्य तथा 3 एसोसिएट सदस्य हैं और इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है।
- संगठन में एक सामान्य सभा, एक परिषद और पाँच मुख्य समितियाँ हैं। इसके अतिरिक्त प्रमुख समितियों के कार्य में सहयोग के लिये संगठन में कई उप-समितियाँ भी हैं।
- सामान्य सभा
- परिषद
- सामान्य सभा के दो सत्रों के मध्य परिषद सामान्य सभा के सभी कार्य करती है। हालाँकि सम्मेलन के अनुच्छेद 15(J) के तहत सामुद्रिक सुरक्षा और प्रदूषण रोकथाम पर सरकारों को सिफारिशें करने का कार्य सामान्य सभा के पास सुरक्षित रखा गया है।
- परिषद संगठन के विभिन्न अंगों की गतिविधियों के मध्य समन्वय स्थापित करने का कार्य भी करती है।
- सामान्य सभा की मंज़ूरी के साथ महासचिव की नियुक्ति का कार्य भी परिषद द्वारा ही किया जाता है।
- परिषद में कुल 40 सदस्य होते हैं, जिन्हें A, B तथा C श्रेणी में बाँटा जाता है।
- श्रेणी (A): इसमें वे देश शामिल हैं जिनका सबसे अधिक हित अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग सेवाओं से जुड़ा हुआ है। जैसे- चीन, इटली, जापान और नॉर्वे आदि।
- श्रेणी (B): इसमें वे देश शामिल हैं जिनका सबसे अधिक हित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार से जुड़ा हुआ है। जैसे- भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया और ब्राज़ील आदि।
- श्रेणी (C): वे देश जिनका समुद्री व्यापार और नेवीगेशन से विशेष हित जुड़ा हुआ है। जैसे- बेल्जियम, चिली, साइप्रस और डेनमार्क आदि।
- समितियाँ
- समुद्री सुरक्षा समिति
- समुद्री पर्यावरण संरक्षण समिति
- कानूनी समिति
- तकनीकी सहयोग समिति
- सुविधा समिति
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